"जैनदर्शन"

“जैनदर्शन” कर लेना तु त्याग भलाई भी, bhajan तर्ज (छु लेने दो नाजुक -काजल) कर लेना तु त्याग भलाई भी, मानव जीवन का काम है ये। ईश्वर ने जो हमको भेजा है, वो साथ दिया पैगाम है ये॥ गफलत मे ना यु ही खो देना, रंगीन जवानी मे घडिया । क्षण भर भी न खाली जा पाये, आराम को मान हराम है ये॥कर लेना तु॥1 धन दौलत महल अटारी ये, दुनिया मे तुझे फुसलातीहै ये । इस सब से तु नफरत ही करना , कर्म बंधन का इंतजाम है ये। सयंम ओर त्याग अहिंसा से, जीवन मे नेकी ही करना । इस जन्म को फिर न पायेगा, ईश्वर का अमुल्य इनाम है ये॥कर लेना तु त्याग भलाई भी॥


Posted

in

by

Tags: