Category: General

  • "जैनदर्शन"

    “जैनदर्शन” कर लेना तु त्याग भलाई भी, bhajan तर्ज (छु लेने दो नाजुक -काजल) कर लेना तु त्याग भलाई भी, मानव जीवन का काम है ये। ईश्वर ने जो हमको भेजा है, वो साथ दिया पैगाम है ये॥ गफलत मे ना यु ही खो देना, रंगीन जवानी मे घडिया । क्षण भर भी न खाली…

  • Bhagwan shantinath jain Tirthankara

  • Jainism on Ahimsa

    जैनदर्शन” ” अहिंसा पर जैन दृष्टि” जैन दृष्टि से सब जीवों के प्रति संयमपूर्ण व्यवहार अहिंसा है। अहिंसा का शब्दानुसारी अर्थ है, हिंसा न करना। इसके पारिभाषिक अर्थ विध्यात्मक और निषेधात्मक दोनों हैं। रागद्वेषात्मक प्रवृत्तिन करना, प्राणवधन करना याप्रवृत्ति मात्रका विरोधकरना निषेधात्मक अहिंसा है; सत्प्रवृत्ति,स्वाध्याय, अध्यात्मसेव,उपद ेश, ज्ञानचर्चा आदि आत्महितकारी व्यवहार विध्यात्मक अहिंसा है। संयमी…

  • Tirthanakara bhagawan

    jain bhagwan sab ke swarup ek hi hote he , bus unhe to sirf bhakti chaiye  

  • Mahaveer Bhagwan ki jai ho

  • Hello world!

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